Monday, March 2, 2009

सत्य या तत्त्व एक ही है,उसे राम,कृष्ण,बुद्ध,महावीर,विष्णु,शिव किसी भी नाम से कहो। उसके प्रति हृदय में प्रेम जागृत हो जाने पर ज्ञान,भक्ति,योग,निष्काम,कर्म आदि सब सफल हैं। हृदय ही उस परम प्रभु का निवास है।

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